ट्रूडो के इस्तीफे की मांग तेज, अगले वर्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी एनडीपी
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उनकी अपनी ही सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के करीब एक तिहाई सांसद नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के प्रमुख जगमीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले वर्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
जगमीत सिंह ने एक खुले पत्र में इस बात की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगर सभी विपक्षी दल अल्पमत वाली लिबरल सरकार के खिलाफ मतदान करते हैं तो ट्रूडो सत्ता खो देंगे और चुनाव कराए जाएंगे। संसद के निचले सदन में एनडीपी के 25 सदस्य हैं। 338 सदस्यीय में लिबरल पार्टी के 153 सदस्य हैं।
इस बीच, ट्रूडो ने अपने मंत्रिमंडल में बदलाव किया है। उन्होंने आठ नए मंत्रियों को शामिल किया और चार के कामकाज में बदलाव किया है। बता दें कि हाल ही में उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ट्रूडो के इस्तीफे की मांग तेज होने लगी है।
हाउस आफ कामंस में सत्तारूढ़ दल के 153 सदस्यों में से उनके पद से हटने की मांग करने वाले सांसदों की संख्या बढ़कर लगभग 60 हो गई है। कनाडा की राजनीति में यह एक बड़ा बदलाव हो सकता है।
इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं। एक कारण यह है कि ट्रूडो की सरकार को आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कनाडा में मुद्रास्फीति की दर बढ़ रही है, जिससे लोगों की आय पर दबाव पड़ रहा है। इसके अलावा, ट्रूडो की सरकार को अपने चुनावी वादों को पूरा करने में भी मुश्किलें आ रही हैं।
एक अन्य कारण यह है कि ट्रूडो की सरकार को कई विवादों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, ट्रूडो की सरकार पर आरोप लगाया गया था कि उसने चीन के साथ एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत, चीन को कनाडा में अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने की अनुमति दी गई थी।
इन विवादों के कारण, ट्रूडो की सरकार की लोकप्रियता कम हो रही है। एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि कनाडा के लोगों का लगभग 60 प्रतिशत ट्रूडो की सरकार से असंतुष्ट है। यह एक बड़ा बदलाव हो सकता है और ट्रूडो की सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है।