निशत आलम ने आजसू के अजहर इस्लाम को हराया।
उत्तर प्रदेश की मीरापुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने जीत हासिल की है। यह सीट रालोद के लिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 में रालोद के टिकट पर बिजनौर लोकसभा सीट पर सांसद चुने जाने के बाद चंदन चौहान ने मीरापुर विधायक पद से इस्तीफा दिया था।
रालोद ने मिथलेश पाल को मैदान में उतारा और जीत हासिल की। मीरापुर विधानसभा सीट का इतिहास देखें तो यह सीट 2012 में अस्तित्व में आई थी। तब से यहां पर तीन चुनाव हुए हैं, जिनमें बसपा, भाजपा और रालोद ने एक-एक बार जीत हासिल की है। इस सीट पर हुए चौथे चुनाव में रालोद ने अपनी छूटी हुई साख जोड़ ली है।
रालोद की जीत से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई जान फूंकी गई है। रालोद की जीत से यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में रालोद एक मजबूत दल है और वह आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस जीत के साथ ही रालोद ने अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया है। रालोद की जीत से यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में रालोद एक मजबूत विपक्षी दल है और वह आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
रालोद की जीत के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई चर्चा शुरू हो गई है। रालोद की जीत से यह साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में रालोद एक मजबूत दल है और वह आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।