मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में परेशानी हो रही है।
बीपीएससी ने 74 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था, लेकिन पर्याप्त आवेदन नहीं मिले। इसके कारण से बीपीएससी ने दोबारा विज्ञापन जारी किया है।
एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति आवश्यक है। लेकिन बिहार में इमरजेंसी मेडिसिन की पढ़ाई नहीं होती, जिसके कारण से इस पद के लिए आवेदन नहीं मिल रहे हैं।
बीपीएससी ने अप्रैल में 74 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। एक बार आवेदन की तिथि बढ़ाने के बावजूद केवल दो चिकित्सकों ने ही आवेदन किया। इसके कारण से बीपीएससी ने 19 जून को दोबारा विज्ञापन निकाला है।
मेडिकल कॉलेजों को इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति करनी है। लेकिन आवेदन नहीं मिलने के कारण से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। इसके कारण से मेडिकल कॉलेजों को परेशानी हो रही है।
सरकार को इस समस्या का समाधान निकालना होगा। सरकार को चाहिए कि वह मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन की पढ़ाई शुरू करवाए, ताकि इस पद के लिए आवेदन मिल सकें। इसके अलावा सरकार को असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विशेष प्रयास करने होंगे।
सरकार और मेडिकल कॉलेजों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा। इसके लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन की पढ़ाई शुरू की जाए।
असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।
मेडिकल कॉलेजों को इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएं।
बिहार के मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी एक गंभीर समस्या है। सरकार और मेडिकल कॉलेजों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना हो सके और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।