पाकिस्तान को लगी मिर्ची
नई दिल्ली, 7 जनवरी 2025
ब्रिक्स में आखिरकार दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया को एंट्री मिल गई है। ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। इजिप्ट, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई के बाद अब इंडोनेशिया को ब्रिक्स में मिली एंट्री के बाद पाकिस्तान को मिर्ची लगनी तय है। पाकिस्तान लंबे वक्त से ब्रिक्स में शामिल होने की जुगत लगा रहा है।
ब्रिक्स की स्थापना 2009 में ब्राजील, चीन, रूस और भारत ने मिलकर की थी। इसका पहला समिट रूस के येकातेरिनबर्ग में हुआ था। 2010 में न्यूयॉर्क में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक मीटिंग में साउथ अफ्रीका को भी शामिल करने पर सहमति बन गई। 2011 में साउथ अफ्रीका ने सान्या में हुए ब्रिक्स समिट में हिस्सा लिया।
ब्रिक्स में इंडोनेशिया की एंट्री के बाद पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। पाकिस्तान खुद लंबे समय से ब्रिक्स में शामिल होने के लिए छटपटा रहा है। इसके लिए वह कई बार चीन के दरवाजे पर कटोरा लेकर खड़ा भी हो चुका है।
ब्रिक्स की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। चीन की मदद से पाकिस्तान भी इसमें शामिल होना चाहता है, लेकिन उसकी दाल नहीं गल पा रही है। ब्रिक्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तान ने कई बार चीन से मदद मांगी है, लेकिन चीन ने भी पाकिस्तान को निराश किया है।
इंडोनेशिया की एंट्री के बाद ब्रिक्स में अब 11 देश शामिल हो गए हैं। इनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका, इजिप्ट, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई शामिल हैं।
ब्रिक्स का मकसद विकासशील देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसका मकसद विकासशील देशों को विकसित देशों के बराबर लाना है। ब्रिक्स के सदस्य देशों की आबादी दुनिया की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत है और इसका कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दुनिया के कुल जीडीपी का लगभग 25 प्रतिशत है।