AI की जगह कर्मचारियों को देने का निर्णय
नई दिल्ली: स्वीडिश फिनटेक कंपनी क्लारना ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था, जिसका उद्देश्य था कि कर्मचारियों का सारा काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) करेगा। हालांकि अब कंपनी को अपने फैसले पर पछतावा हो रहा है और उसने फिर से कर्मचारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है।
क्लारना के सीईओ सेबेस्टियन सिएमियाटकोव्स्की ने माना है कि AI एजेंट के काम की गुणवत्ता कम होने लगी है। ऐसे में कंपनी ने फिर से AI की जगह कर्मचारियों को देने का फैसला किया है। सिएमियाटकोव्स्की ने कहा कि AI चाहे जितना ताकतवर हो जाए, लेकिन वो कभी इंसानों की जगह नहीं ले सकता है। उन्होंने कहा कि इंसानों की रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमता AI के मुकाबले कहीं अधिक है।
क्लारना ने 2022 से ही अपने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी थी। 2023 से कंपनी ने नए कर्मचारियों को नौकरी देना भी बंद कर दिया और 2024 तक कंपनी में कर्मचारियों की संख्या लगभग आधी हो गई। हालांकि अब कंपनी फिर से कर्मचारियों को नौकरी पर रखना चाहती है। कंपनी ने अपने पुराने कर्मचारियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है और उन्हें वापस नौकरी देने की पेशकश कर रही है।
क्लारना के इस फैसले से कंपनी को काफी बचत हुई थी, लेकिन अब कंपनी को लगता है कि AI के काम की गुणवत्ता कम होने लगी है और इंसानों की जरूरत है। कंपनी ने फिर से कर्मचारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है, जिससे कंपनी के काम में सुधार हो सके। कंपनी का मानना है कि इंसानों की रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमता AI के मुकाबले कहीं अधिक है।
क्लारना के इस फैसले का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह दिखाता है कि AI चाहे जितना ताकतवर हो जाए, लेकिन वो कभी इंसानों की जगह नहीं ले सकता है। कंपनी का यह फैसला उन लोगों के लिए भी एक संदेश है जो सोचते हैं कि AI के आने से उनकी नौकरियां चली जाएंगी। क्लारना का यह फैसला दिखाता है कि इंसानों की जरूरत हमेशा रहेगी और AI के साथ-साथ इंसानों की भी जरूरत होगी।
स्वीडिश फिनटेक कंपनी क्लारना ने अपने फैसले को बदलते हुए AI की जगह कर्मचारियों को देने का निर्णय लिया है। कंपनी को लगता है कि AI चाहे जितना ताकतवर हो जाए, लेकिन वो कभी इंसानों की जगह नहीं ले सकता है।
कंपनी ने फिर से कर्मचारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है, जिससे कंपनी के काम में सुधार हो सके। यह फैसला उन लोगों के लिए भी एक संदेश है जो सोचते हैं कि AI के आने से उनकी नौकरियां चली जाएंगी।